Sunday 4 August 2013

गौ माता

कई दिनों बाद आज थोड़ी राहत मिली दफ्तर तो जाना था नहीं बस थोडा घूमना हुआ किसी काम से, रविवार होने के कारण रास्ते में ट्रैफिक पुलिस वालों की संख्या नहीं के बराबर थी वरना तो अक्सर डर लगा रहता है कि कहीं किसी ना किसी कारण से रोक ना लें, खैर आज उनकी जिम्मेदारी गायों ने संभाल ली थी और वो भी बड़े अच्छे ढंग से। जहाँ चौराहे के बीच में कोई निर्धारित घेरा या घुमटी नहीं है वहां वो बीच में बैठ कर चौराहे के चारों रास्तों का अलग अलग निर्धारण कर रही थीं। एक गाय सड़क के बिलकुल मोड़ पर खड़ी रह कर अचानक से यु टर्न लेने वालों को रोक रही थी तो दूसरी सड़क के बीचो बीच खड़ी रह कर डिवाइडर की भूमिका निभा रही थी। एक गाय ट्रैफिक तो नहीं संभाल रही थी मगर सड़क के एक तरफ शांत भाव से बैठ कर आँखे बंद किये ऐसी लग रही थी जैसे मानव सभ्यता की किसी गंभीर समस्या पर चिंतन कर रही हो। हालाँकि थोड़े दिन पहले ही एक गाय की टक्कर से एक व्यक्ति की मौत होने के बाद सरकार ने कुछ फैसले तो लिए है जैसे कि सड़क किनारे घास चारा बेचने पर प्रतिबन्ध और अपने पशु खुल्ले सड़क पर छोड़ने वालों पर कानूनी कार्यवाही मगर मुझे पूरी उम्मीद है कि हिन्दुस्तान में आने वाले कुछ समय तक तो सड़कों पर हमें गौ माता का आशीर्वाद मिलता रहेगा।

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